" यही मंदिर , यही मस्जिद , यही तख्ते मुहम्मद हैं

चले आओ 'बेदिल' यही वादी-ए-जन्नत है "

आशिको का हिसाब ..........ग़ज़ल.

>> सोमवार, 27 अप्रैल 2009

आशिको के शहर में तेरा हिसाब कर दूंगा
देख मेरी तरफ तुझे मै गुलाब कर दूंगा

कुछ पूछ ले दिल खोल कर तू भी कभी
तेरे हर सवाल के सवाल का जवाब कर दूंगा

तेरी जिन्दगी में खुशिया-ही-खुशिया रहेगी सदा
सच कहता हूँ मान जा तुझे लाजवाब कर दूंगा

मुझे मयखाने से कही दूर ले जाकर छोड़ना
वरना शहर के पानी को , मै शराब कर दूंगा

"बेदिल" शराबी, कबाबी, जुआरी , बेकार है
नहीं बुलाया मुझको कहा,महफ़िल खराब कर दूंगा

27-04-2009 (3:30 pm)

Read more...

चलो बरसो पहले कयामत.......................ग़जल

>> मंगलवार, 7 अप्रैल 2009


चलो बरसो पहले हुई क़यामत को देखते है
खोफजदा रात की दोर--शिकायत को देखते है

मुत्फरिक अशर तो यु है तकरीर हमारी यारो
परदेह में छिपी उसी नफरत को देखते है

वीरान--उजाड़ यहाँ आब--हवा हुई है ऐसी
लुटी हुई जिन्दगी में उस मुहब्बत को देखते है

यु तो ना जाएगे गंज--शहीदान वतन से परे
गाहे - बा - गाहे दुश्मन की जराफत को देखते है

महफ़िल महबूब की होती आब--रवां जैसी अल्हा
इसमें डूब कर "बेदिल" अपनी सूरत को देखते है


शब्द----
1-मुत्फरिक अशर = फूटकर दोहा
2-तकरीर = बात, भाषण
3-गंज--शहीदान = शहीदों के दफन होने वाली जगह
4-जराफत = कला
5-आब--रवां = बहता पानी



दीपक पंवार "बेदिल"

Read more...
चिट्ठाजगत

Sahitya Shilpi
रफ़्तार
http://www.chitthajagat.in/?ping=http://ajaaj-a-bedil.blogspot.com/

घनिष्ट मित्र का तोफा

तोहमतें कई मेरे पीछे मुझपे लगाता है वो
खुलकर बात करने में मग़र शरमाता है वो

कभी सिखाया करता था भले-बुरे का भेद जो
आज खुद ही बुराई का शहंशाह कहलाता है वो

फाँस भी कोई अगर उसे कभी चुभ जाती थी
रोता था मेरे पहलू में, आज मुझे रुलाता है वो

मसलसल जलता रहा लौ बनके जिसके लिए
देखकर कर भी घाव मेरे पीठ दिखाता है वो

पढ़-पढ़कर आँखों में ख़्वाब पूरे किए थे जिसके
एक प्यार की हकीकत पे फूल देके बहलाता है वो


--अमित के सागर


अजीब शख्स था कैसा मिजाज़ रखता था
साथ रह कर भी इख्तिलाफ रखता था

मैं क्यों न दाद दूँ उसके फन की
मेरे हर सवाल का पहले से जवाब रखता था

वो तो रौशनियों का बसी था मगर
मेरी अँधेरी नगरी का बड़ा ख्याल रखता था

मोहब्बत तो थी उसे किसी और से शायद
हमसे तो यूँ ही हसी मज़ाक रखता था

--अहमद फराज़
Text selection Lock by Hindi Blog Tips

  © Blogger templates Romantico by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP