तेरी उन महकती यादों को भुलाया ना जायेगा
>> रविवार, 31 मई 2009
तेरी उन महकती यादों को भुलाया ना जायेगा
अश्क जो गिर चुके उन्हें नजरो में लाया ना जायेगा
थे हम ही नादान दिल वाले बशर महफ़िल में
हमारे जैसा आशिक अब दिल्ली में पाया ना जायेगा
तेरा इश्क कैसा है मेरा इश्क कैसा है बहुत सवाल है तेरे
महफ़िल-ए-यार में चीर के दिल अब दिखाया ना जायेगा
परे हो जायेगे तेरी नजरों से इक मरतबा बोल तो जरा
इस शहर ग़मगीन में अब ताज-ए-महल बनाया ना जायेगा
तुम कहती हो रवानगी ले लो मेरी खुश आबाद जिन्द्कानी से
गर निकला तेरे शहर से सच है वापस आया ना जायेगा
ना ही तुने वफ़ा को संभाला ना इश्क ना ही याराने को
दुश्मन ही साथ देंगे दोस्तों मेरा जनाजा तुमसे उठाया ना जायेगा
तू जालिम है तो क्यों ना तुझे तोहमतों का दरिया देता चलू
"बे-दिल" का कत्ल हुआ है कत्ल इस कत्ल को यु छुपाया ना जायेगा
Deepak "bedil"..........08:00 pm......30.5.2009