आशिको का हिसाब ..........ग़ज़ल.
>> सोमवार, 27 अप्रैल 2009
आशिको के शहर में तेरा हिसाब कर दूंगा
देख मेरी तरफ तुझे मै गुलाब कर दूंगा
कुछ पूछ ले दिल खोल कर तू भी कभी
तेरे हर सवाल के सवाल का जवाब कर दूंगा
तेरी जिन्दगी में खुशिया-ही-खुशिया रहेगी सदा
सच कहता हूँ मान जा तुझे लाजवाब कर दूंगा
मुझे मयखाने से कही दूर ले जाकर छोड़ना
वरना शहर के पानी को , मै शराब कर दूंगा
"बेदिल" शराबी, कबाबी, जुआरी , बेकार है
नहीं बुलाया मुझको कहा,महफ़िल खराब कर दूंगा
27-04-2009 (3:30 pm)
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hello